Limitations of Computers
Limitations of Computers – कम्प्यूटर ने निःसंदेह मानव-जीवन को सहज बनाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। आज तक के सभी आविष्कारों में कम्प्यूटर का आविष्कार सवसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है। कम्प्यूटर की क्षमताएँ ही आज इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण हैं । किन्तु किसी भी मानव-निर्मित प्रणाली की सीमाएँ या कमियां हो सकती हैं। इसके बगैर किसी प्रणाली की कल्पना शायद नहीं की जा सकती है। अतः कम्प्यूटर की कमियों का भी जानना आवश्यक है। इसकी कमियां इस प्रकार हैं-

- बुद्धिमत्ता की कमी – कम्प्यूटर एक मशीन है। इसका कार्य प्रोग्रामों के निर्देशों को कार्यान्वित करना है कम्प्यूटर किसी भी स्थिति में न तो निर्देश से अधिक और न ही इससे कम का क्रियान्वयन करता हैं यद्यपि कम्प्यूटर वैज्ञानिक आज के कम्प्यूटरों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में निरंतर शोध कर रहे हैं, इसमे पूर्ण सफलता मिलने पर कम्प्यूटर के अंदर बुद्धिमत्ता की कमी तो कुछ हद तक दूर हो सकेगी तथापि मानवीय बुद्धिमत्ता की तुलना कभी भी एक मशीनी बुद्धिमत्ता के साथ नहीं हो पाएगी।
- सामान्य बोध की कमी – कम्प्यूटर एक बिल्कुल मूर्ख व्यक्ति की भांति कार्य करता है चूंकि कम्प्यूटर में स्वयं की तार्किक क्षमता नहीं होती है तथा यह स्वयं दिए गए तथ्यों में से सही या गलत का चुनाव स्वयं अपने स्तर पर नहीं कर सकता है तथा पूरी तरह से उसे दिए गए निर्देशों पर निर्भर करता है। अतः इसे त्रुटियुक्त इनपुट देने पर आउटपुट भी त्रुटिपूर्ण होगा (Garbage In Garbage Out) । इसे GIGO सिद्धांत के नाम से जाना जाता है।
- सॉफ्टवेयर की सीमाओं में बंधा हुआ- कम्प्यूटर का कार्य अपने सॉफ्टवेयर की क्षमताओं से बंध हुआ होता है तथा सॉफ्टवेयर में उपलब्ध क्षमताओं के अनुसार ही कार्य कर सकता है। अन्य कार्य करवाने के लिए उसे उचित सॉफ्टवेयर (प्रोग्राम) देना होता है जिसके कारण वह विशिष्टि सॉफ्टवेयर क्रय/विकसित करना होता है। सामान्यतः सॉफ्टवेयर की लागत / मूल्य कम्प्यूटर की कीमत से अधिक होती है।
- डाटा संरक्षण में सावधानी – कम्प्यूटर में डाटा संरक्षण में अत्यंत सावधानी रखनी होती हैं अन्यथा सम्पूर्ण डाटा असावधानी से नष्ट हो सकता है।
- विद्युत पर निर्भरता- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होने के कारण यह विद्युत से ही चलाया जा सकता है।